लगा के सोए हुए हैं मच्छरदानी ! लगा के सोए हुए हैं मच्छरदानी !
मैं उड़ना चाहती थी बादलों के भी पार, शायद ये हौसला भी मिला था उसी के संग में। मैं उड़ना चाहती थी बादलों के भी पार, शायद ये हौसला भी मिला था उसी के संग में।
वो महल भी सपनों का, अब आज से सुंदर था। वो महल भी सपनों का, अब आज से सुंदर था।
मेरे बीते किरदार का मुझसे आज भी वास्ता, क्या है ? मेरे बीते किरदार का मुझसे आज भी वास्ता, क्या है ?
सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए। ताकि उसे पूरा करने में सारी कायनात लग जाए। सपने हमेशा बड़े देखना चाहिए। ताकि उसे पूरा करने में सारी कायनात लग जाए।
फिर मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे सच जिन्हें सपनों से भरमा रहा है कोई फिर मिलेंगे तो उनसे पूछेंगे सच जिन्हें सपनों से भरमा रहा है कोई